पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया ज्ञापन….महिला शक्ति ने भी भरी हुंकार…. कहा- छत्तीसगढ़िया सरकार हमारी हित का ख्याल करे
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बेमेतरा 1 मार्च 2022। पुरानी पेंशन योजना को लेकर छत्तीसगढ़ में भी आवाज बुलंद हो रही है। कर्मचारी व शिक्षक संगठन लगातार पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे हैं। आज NMOPS / CGPEWA महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष उमा जाटव की अगुवाई में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया और तत्काल पुरानी पेंशन व्यवस्था छत्तीसगढ़ में भी लागू करने की मांग की गयी। कलेक्टर को सौंपे अपने ज्ञापन में उमा जाटव ने लिखा है कि छत्तीसगढ़िया सरकार से कर्मचारी वर्ग अपना बुढ़ापा सुरक्षित करने वाला हुबहू पुरानी पेंशन बहाली करे।
विदित हो कि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों के लिए यह योजना जोकि 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए बंद करके शेयर बाजार पर आधारित नयी पेंशन योजना तत्कालिक केन्द्र सरकार के द्वारा लाने पर एक एक करके लगभग सभी राज्यों के सरकार ने लागू कर दिया है।
वर्तमान समय में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में भी कर्मचारियों का यह मुद्दा जोर शोर से गली- मुहल्ला में छाया हुआ है और सत्ताधारी पार्टी को अपनी कुर्सी जमीं के अंदर धंसती हुई प्रतीत हो रही है । वक्त की नजाकत को समझते हुए राजस्थान सरकार के पश्चात् अन्य राज्य भी – झारखंड, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश सरकार ने भी पुरानी पेंशन व्यवस्था वापस लौटाने का निर्णय लिया है।
अतः छत्तीसगढ़िया सरकार भी अपने राज्य में शांति व्यवस्था को बनाए रखने और कर्मचारियों के बुढ़ापा को सुरक्षित रखने के लिए वर्तमान बजट सत्र में हु-ब-हू पुरानी पेंशन बहाल करने का घोषणा करें ।अगर ऐसा नहीं होता है तो कर्मचारी संघ एक जुटता का परिचय देते हुए बहुत ही जल्द अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा करने को विवश होंगे , और इस अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण राज्य में जो अशांति और अव्यवस्था उत्पन्न होगी इसकी सम्पूर्ण जवाबदेही राज्य सरकार की होगी ।ज्ञापन सौंपने वालों में उमा जाटव के साथ सुनीता सिंह राजपूत , संदीप कुमार सोनकर , रामेश्वर ,दीपक, कमलेश धनंजय मिश्रा शामिल रहें ।